गाजर ठण्डे मौसम की फसल है| गाजर के रंग और आकार पर तापक्रम का बहुत असर पड़ता है| अच्छे आकार व आकर्षक रंग के लिए तापमान 12 से 25 डिग्री सेंटीग्रेट उपयुक्त रहता है|
गाजर की अच्छी पैदावार के लिए गहरी भूरभूरी, हल्की दोमट भूमि, जिसका पी एच 6.5 के लगभग हो, उपयुक्त होती है| भूमि में पानी का निकास अच्छा होना आवश्यक है| गोबर की खाद को भी खेत तैयार करते समय अच्छी तरह मिला दें| अच्छी पैदावार व जड़ों की गुणवत्ता के लिए बिजाई हल्की डोलियों पर करनी चाहिए| डोलियों की चोटी पर 2 से 3 सेंटीमीटर गहरी नाली बनाकर बीज बोना चाहिए|औसत दर्जे की जमीन में लगभग 20 से 25 टन गोबर की सड़ी खाद प्रति हैक्टेयर जुताई करते समय डालें| गाजर में 5 से 6 बार सिंचाई करने की आवश्यकता होती है| अगर खेत में बिजाई करते समय नमी कम हो तो पहली सिंचाई बिजाई के तुरंत बाद करनी चाहिए| ध्यान रहे पानी की डोलियों से ऊपर ना जाए बल्कि 3/4 भाग तक ही रहें, बाद की सिंचाईयां मौसम व भूमि की नमी के अनुसार 15 से 20 दिन के अन्तर पर करें|